आज की तेज़ रफ्तार ज़िन्दगी में शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आत्मिक विकास पाना कठिन लगने लगा है। लेकिन यदि हम अपनी दिनचर्या को सही दिशा में ढाल लें, तो जीवन सहज और आनंदमय हो सकता है। प्रस्तुत है एक ऐसी दिनचर्या जो शरीर को स्वस्थ, मन को शांत और आत्मा को परमात्मा से जोड़ने में सहायक है।
यह दिनचर्या किसी भी प्रकार की शारीरिक बीमारी या मानसिक अशांति को दूर करने का सबसे सरल और शक्तिशाली साधन है। स्वस्थ तन, शांत मन और जागृत आत्मा – सब कुछ इसी मार्ग से प्राप्त हो सकता है।
🌅 प्रातःकालीन दिनचर्या
5:00 बजे – नींद से जागरण
- सुबह जल्दी उठना ही स्वास्थ्य का सबसे बड़ा राज़ है।
- जागने के तुरंत बाद गुनगुना पानी पिएं।
- चाहें तो उसमें थोड़ा काला नमक मिला सकते हैं। इससे पेट साफ़ रहेगा और पाचन शक्ति बेहतर होगी।
5:30 से 7:00 बजे – योग, प्राणायाम, ध्यान और नामजप
🔹 योगाभ्यास (30–45 मिनट)
योगाभ्यास से पहले लगभग 10 मिनट हल्के वार्मअप करें –
- स्ट्रेचिंग
- ताड़ासन
- त्रिकोणासन
- हल्की जॉगिंग या जम्पिंग
इसके बाद क्रमवार निम्नलिखित आसनों का अभ्यास करें:
- सूर्य नमस्कार
- मालासन
- भुजंगासन
- तितली आसन
- जानुशिरासन
- पश्चिमोत्तानासन
- मण्डूकासन (तीनों प्रकार)
- मत्स्येन्द्रासन
- अर्ध मत्स्येन्द्रासन
- मरकत आसन
- सर्वांगासन
- शीर्षासन
- बालासन
- नौकासन
- उत्तान पादासन
- साइक्लिंग (लेटकर)
- सुप्त वज्रासन
- सेतुबंधासन
- नासिका स्पर्श आसन
- पवनमुक्तासन
👉 नोट: यदि किसी को अम्लपित्त (Acidity) की समस्या है, तो सर्वांगासन, शीर्षासन और बालासन न करें।
🔹 प्राणायाम व ध्यान (15–20 मिनट)
- गहरी श्वास लेकर छोड़ें (दीप ब्रीदिंग)
- अनुलोम-विलोम
- ब्रह्मरी
- फिर 10 मिनट ध्यान या नामजप करें।
(Visualization अभी छोड़ सकते हैं, बाद में सीख सकते हैं।)
🍵 नाश्ता / हल्का आहार (7:30 – 9:00 बजे)
- योग के 20–30 मिनट बाद नाश्ता करें।
- भीगे हुए बादाम, किशमिश और अखरोट लें।
- चाहें तो अंकुरित मूँग और चना भी खा सकते हैं।
- भोजन को हमेशा धीरे-धीरे चबाकर खाएं।
इसके बाद स्नान करें। स्नान से पहले नाभि पर पानी डालें, फिर पूरे शरीर पर।
फिर यदि संभव हो तो मंदिर जाएं, इससे मन को शांति मिलेगी।
🍲 मुख्य भोजन (10:00 – 11:00 बजे)
- भोजन में सलाद अवश्य शामिल करें।
- परहेज़ करें – प्याज़, लहसुन, अधिक तेल, लाल मिर्च।
- श्रेष्ठ आहार: मूँग दाल, पालक, लौकी, तोरी (गिलकी), हल्की सब्ज़ियाँ।
- अधिक खट्टा, मीठा और तीखा भोजन न लें। लाल मिर्च की जगह हरी मिर्च का उपयोग करें।
👉 यदि अम्लपित्त नहीं है तो भोजन के एक घंटे बाद छाछ (Buttermilk) लिया जा सकता है।
👉 भोजन के तुरंत बाद पानी न पिएं, कम से कम 30–40 मिनट बाद ही पानी लें।
भोजन के बाद: 10–15 मिनट वज्रासन में बैठें। यह पाचन को मज़बूत बनाता है।
💻 कार्यकाल (11:00 am – 6:00 pm)
अपने ऑफिस या कार्य को सामान्य रूप से करें।
यदि बीच में भूख लगे तो फल या खिचड़ी ले सकते हैं।
हर 1 घंटे में कम से कम 5 मिनट चलें या विश्राम करें। इससे पाचन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
🌙 रात्रि भोजन (6:00 – 8:00 pm)
- रात्रि भोजन इसी समय तक कर लेना उत्तम है।
- रात्रि में सलाद और छाछ से बचें।
- केवल हल्की सब्ज़ी और रोटी/दाल लेना पर्याप्त है।
🌃 रात्रि दिनचर्या
- सोने का समय (10:00 pm तक)
- सोने से 30 मिनट पहले मोबाइल और टीवी स्क्रीन से दूर रहें।
- अधिकतम 11 बजे तक सो जाना चाहिए। (In emergency situation)
शयन से पूर्व
बिस्तर पर लेटने के बाद नामजप, गहरी श्वास, ध्यान या अनुलोम-विलोम करें।
भगवान का नाम लेकर सोने से नींद गहरी और शांति भरी होती है।
⚠️ विशेष सावधानियाँ
- किसी भी प्रकार का नशा न करें।
- बुरी संगति और नकारात्मक कंटेंट से बचें।
- केवल सात्त्विक भोजन ही ग्रहण करें।
- अवसाद (Depression) या नींद की दवाइयों से बचें। ये दीर्घकालीन हानिकारक होती हैं।
- संत प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन सुनते रहें। इससे मन को दिशा और गहरी शांति मिलेगी।
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निष्कर्ष (Conclusion)
शुरुआत में यह दिनचर्या कठिन लगेगी, लेकिन धीरे-धीरे आदत बन जाएगी।
इससे आपको – शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति, और आध्यात्मिक उन्नति – तीनों का लाभ एक साथ मिलेगा।
आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं अगले आर्टिकल में। हमारी इस आध्यात्मिक और ब्रह्मचर्य यात्रा में जुड़कर अपने जीवन को सरल और सुलभ बनाने के लिए इस वेबसाइट और हमारे ऑफिशल यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।
आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामनाएं आप सभी को ओम।