आप सभी आध्यात्मिक मित्रों को ॐ🙏, आज के इस आर्टिकल में हमने आपको ब्रह्मचर्य जीवन कैसे शुरू करे इसकी गहनता से जानकारी प्रदान की है। अगर आप दिल से ब्रह्मचर्य पालन करके अपने जीवन को मानसिक और शारीरक व्याधियों से मुक्त करना चाहते हो, तो ये आर्टिकल आपके लिए बेहद जरुरी है। अगर आप इस आर्टिकल में बताई सारी बातों का पालन करते है, तो 100% आप सम्पूर्ण अखण्ड ब्रह्मचारी बन पाएंगे।
क्या आप किसी भी शारीरिक या मानसिक समस्या से परेशान होकर ब्रह्मचर्य की ओर एक नया उठाने का सोच रहे हो। तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।
कैसे करे ब्रह्मचर्य जीवन की शुरुआत ये प्रश्न वैसे तो एक सामान्य प्रश्न है लेकिन यही ब्रह्मचर्य के सबसे पहले कदम का हिस्सा है।
हम सभी लोग किसी न किसी शारीरिक या मानसिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए जीवन में नियम से रहकर ब्रह्मचर्य पालन की ठान तो लेते है लेकिन घूम फिरकर बात यही पर आकर अटक जाती है कि कहा से शुरू करे।
मित्रो ब्रह्मचर्य में सबसे पहला कदम इसके सही अर्थ को समझना है।
ब्रह्मचर्य केवल "सेक्स या वीर्य का त्याग" नहीं है, बल्कि यह एक सम्पूर्ण जीवनशैली है एक Complete Lifestyle है।
‘ब्रह्म’ यानी परम सत्य और ‘चर्य’ यानी चलना — अर्थात ब्रह्म की ओर चलना, उस परम शक्ति को तरफ बढ़ने का रास्ता। यह एक संयमित, सात्विक, और ईश्वरमुखी जीवन है।
ब्रह्मचर्य में केवल शरीर का संयम नहीं, बल्कि विचार, वाणी और व्यवहार का भी संयम होता है। हमारे कई सारे मित्र गण ये समझते है कि मैने वीर्य रोक लिया मतलब मैं ब्रह्मचर्य का पालन कर रहा हु लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। ये एक बहुत बड़ा विषय है एक पूरे अच्छे और सच्चे जीवन का समावेश है।
ब्रह्मचर्य में आने से पहले आपको कुछ प्रश्नों को खुद से पूछकर आत्म निरक्षण करना जरूरी है जैसे कि:
- क्या मैं कामवासना की लत से थक चुका हूं या चुकी हु?
- क्या मैं अध्यात्म में आगे बढ़ना चाहता हु, या चाहती हु?
- क्या मैं ऊर्जा, ध्यान, और आत्मबल बढ़ाना चाहता हु, या चाहती हु?
- क्या मैं जीवन में हमेशा खुशी महसूस करना चाहता हु, या चाहती हु?
जब तक अंदर से कारण स्पष्ट नहीं होता, तब तक ब्रह्मचर्य केवल एक “प्रयास” बना रहेगा, स्थायी अभ्यास नहीं। आप जीवन में जो कोई भी कार्य कर रहे हो जब तक वो एक अच्छे लक्ष्य को समर्पित नहीं होगा तब तक आपका मन दुखी और असहाय महसूस करेगा।
ब्रह्मचर्य संपूर्ण कामवासना में लगाई ऊर्जा को एक सही दिशा देने का काम करता है ताकि आप जीवन में जो कुछ भी हासिल करना चाहते हो उसमें अपना 100% समर्पित कर सको। नहीं तो ऐसे करोड़ों लोग है जो कामवासना से अपना जीवन बर्बाद कर लेते है और फिर दोष भगवान को देते है।
आपने भी ये महसूस किया होगा कि कामवासना की प्रबल इसका की वजह से ही आप शारीरिक और मानसिक समस्याओं के शिकार हुए हो। लेकिन अगर आप असलियत जान चुके हो तो फिर बढ़ो ब्रह्मचर्य की तरफ, और अपना जीवन सुखी और आनंदित बनाओ।
कामवासना शरीर में नहीं, मन में जन्म लेती है। इसलिए सबसे पहले मन की दिशा बदलनी होगी। और यही से आपके ब्रह्मचर्य को शुरुआत होती है। शारीरिक कदम से पहले आपको मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा।
अश्लील सामग्री (पोर्न, उत्तेजक सोशल मीडिया) से दूरी, सात्विक साहित्य पढ़ना – जैसे गीता, उपनिषद, योग वशिष्ठ, महापुरुषों की जीवनी पढ़ना – जैसे स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, तुलसीदास आदि, यही आदतें आपके मानसिक रूप को बदलेगी और जब मन सही होगा तो तन अपने आप सब कुछ सही कर लेगा।
मन को नियंत्रित करने का सबसे प्रभावशाली साधन है ध्यान और नामजप। प्रतिदिन सुबह-शाम 15-30 मिनट ॐ का उच्चारण करें या फिर ध्यान करे।
अगर आपको कठिनाई आती है तो प्रारंभ में श्वास पर ध्यान लगाना सबसे सरल उपाय है इसे ट्राय करके देखें।
नाम जप एक बहुत ही प्रभावशाली शस्त्र है अपने मन को परास्त करके अधीन में करने का। शुरुआत में तकलीफ होगी मन भागेगा लेकिन एक दिन जरूर आप सफलता हासिल करोगे। वो कहते है न कि एक दिन में नहीं लेकिन एक दिन जरूर होगा। तो बस करिए शुरुआत।
मेरी नाम जप की वीडियो आप जरूर देखना जिसमे मैने नाम जप से हुए मेरे जीवन के चमत्कारों को बताया है। वीडियो आपको हमरे यूट्यूब चैनल पर मिल जाएगी।
ब्रह्मचर्य की शुरुआत तो मैने आपको बता दी लेकिन अब आगे उसे Continue रखने के लिए कुछ और कदम आपको उठाने होंगे जैसे कि:
योग या Exercise:
जब भी आप अपने वीर्य को शरीर में रोकते हो तो उसे रूपांतरिक करना जरूरी होता है नहीं तो आप और ज्यादा परेशान हो जाओगे। वीर्य एक ऊर्जा का भंडार है और इसे शरीर में दबाना एक घातक परिणाम को आमंत्रित कर सकता है इसीलिए नियमित योग, वर्कआउट, या exercise के जरिए इसे रूपांतरित करे।
पर्याप्त नींद:
शरीर को सुचारू रूप से चलने किए और इसकी मरम्मत के लिए सही नींद लेनी जरूरी है। अगर आप समय पर सोते या उठते नहीं हो तो ऐसा ब्रह्मचर्य आपके किसी काम का नहीं रहेगा। पर्याप्त 6 से 8 घंटे की नींद ले। इसलिए आपको रात को 9 से 10 बजे के बीच सोना है और सुबह 4 से 5 बजे उतना है।
सात्विक भोजन:
वो कहते है न कि जैसा आहार वैसे विचार। तो वो बात शत प्रतिशत सत्य है। हमारे शरीर में जो ऊर्जा बनती है वो हमें भोजन से ही मिलती है। और उसी ऊर्जा से हम विचार करते है मतलब वही ऊर्जा विचारों का रूप भी लेती है। इसीलिए हम क्या खाते है या किस भाव से खाते है इसका असर आपके विचारो पर पड़ता है। इसलिए सात्विक भोजन जरूरी है।
जब भी कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो डॉक्टर उसे हल्का और सुपाच्य भोजन करने को क्यों बोलता है क्यों कि वही हमारी बॉडी के लिए सही रहता है। लेकिन हम फिर से वही पिज्जा , बर्गर, या कचौड़ी, समोसा शुरू कर देते है। इसीलिए भोजन पर ध्यान दे, क्यों कि ये हमारे शरीर के साथ साथ विचारों का भी निर्माण करता है।
मैने ब्रह्मचर्य भोजन दिनचर्या को आपके साथ साझा किया है वो विडियो हम्रे यूट्यूब चैनल पर मिल जाएगी।
संगति:
जैसा संग वैसा रंग। आप जैसे लोगो के बीच में रहते हो वैसा ही आपका स्वभाव बनता है और वैसा ही आपका जीवन भी बनता है। गलत लोगों की संगत को जितना जल्दी हो सके छोड़ दे। उत्तेजक, भौतिकवादी या भड़काऊ सोच वाले लोगों की संगति से बचें। हमेशा ब्रह्मचारी, साधक, या सत्संग का साथ लें। यही आपके विचारो को पूरी तरह से सही कर सकते है। और अच्छे जीवन का निर्माण हमेशा अच्छे विचारों से होता है।
आप WhatsApp, Instagram, facebook YouTube आदि में क्या देख रहे हैं इसका भी असर आपके विचारो पर पड़ता है इसलिए सतर्क रहें। सही कंटेंट को कंज्यूम करे, सही और अच्छी किताबें पढ़े जो आपको एक अच्छा व्यक्ति बनाए।
गिरने से न डरें:
हर बार गिरकर उठना ही सच्ची वीरता है। अगर कभी ब्रह्मचर्य टूट जाए, तो खुद को दोषी ना मानें, इसे एक सीखने की प्रक्रिया समझकर आगे बढ़ो। और वैसे भी ये जीवन सीखने का सफर है तो इस सफर का आनंद लो।
गहरी साँस लें, और दोबारा से ब्रह्मचर्य की शुरुआत करें।
गिरना पाप नहीं, बल्कि वहीं पड़े रहना पाप है।
छटा और आखिरी, छोटे लक्ष्य, लंबा सफर:
शुरुआत में 7 दिन, फिर 21 दिन, फिर 40 दिन... ऐसे छोटे-छोटे ब्रह्मचर्य लक्ष्यों से शुरुआत करें। एक साथ बड़ा लक्ष्य आपको निराश कर सकता है। हर दिन की सफलता को जश्न ना बनाएं, शांतिपूर्वक अगले दिन की तैयारी करें। ज्यादा उत्साहित होना भी कई बार मन को त्रुटि करने का रास्ता देता है। इसलिए संयमित रहे, न ज्यादा दुखी होना है और ना ही बहुत ज्यादा उत्साहित।
इस आर्टिकल संबंधित हमारा यूट्यूब वीडियो:
आज के लिए बस इतना ही मिलते है अगले आर्टिकल में।
आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे जीवन की कामनाएं।
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