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Mental Stress को Manage कैसे करें?

Mental Health हमारी जिंदगी का वह हिस्सा है जिस पर अक्सर लोग ध्यान नहीं देते, जबकि यही आपकी जिंदगी को बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है।

क्या आपको पता है कि पूरे शरीर को कमांड देने वाला Organ आपका Mind ही होता है? और जब इसमें बहुत ज़्यादा बुरे विचारों की बाढ़ आती है, तो इसकी कार्य-प्रणाली कमजोर हो जाती है।

आज की दौड़-भाग और Competition वाली जिंदगी में मानसिक स्थिति को हमेशा स्वस्थ रखना ज़रूरी है। बात यहां तक बढ़ गई है कि छोटे-छोटे बच्चों को भी depression जैसी चीज़ों का पता है, और कई बार गंभीर मानसिक समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।

आज हम आपसे साझा करेंगे कि किस तरह से mental stress को manage किया जा सकता है।

How to Manage Mental Stress?

Mental health को हमेशा दुरुस्त रखने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

1) Routine से रहना

जब आप खुद को अनुशासन में बाँधकर रखते हैं तो आपके mind को फालतू विचार सोचने का समय नहीं मिलता। जब आप अपनी दिनचर्या का कठोरता से पालन करते हैं, तो धीरे-धीरे आपका mind आपके कंट्रोल में आने लगता है और उसके बाद आप जो नई अच्छी बातें या आदतें उसे देंगे, वह उनका पालन करेगा।

दिमाग repeated चीज़ों पर काम करता है। इसीलिए कोशिश करें कि बुरे विचार repeat न हों। वरना अगर pattern बन गया तो मानसिक तनाव उत्पन्न होगा।

2) योग, ध्यान, प्राणायाम

योग हमारे शरीर में blood circulation को बेहतर करता है, जिससे पूरे दिन स्फूर्ति बनी रहती है और आप ताजगी महसूस करते हैं। खास तौर पर सूर्य नमस्कार आलस को दूर करने में बहुत सहयोगी है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति रोज कम से कम 11 सूर्य नमस्कार करता है, उसके चेहरे पर हमेशा तेज़ रहता है।

प्राणायाम हमारे शरीर में ऑक्सीजन को संतुलित करने का काम करता है। अनुलोम-विलोम को प्राणायाम में महत्वपूर्ण माना गया है। यदि आप 5 मिनट से 30 मिनट तक अनुलोम-विलोम करते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बीमारियाँ धीरे-धीरे शरीर से विदा होने लगती हैं।

ध्यान mind को relax करने का एक शक्तिशाली tool है। विचारों की बाढ़ को रोकने के लिए आपको प्रतिदिन कम से कम 15–30 मिनट ध्यान करना चाहिए। Depression, insomnia, migraine जैसी मानसिक समस्याएं विचारों से ही उत्पन्न होती हैं, और अगर आप रोज meditation करते हैं तो इनका खतरा बहुत कम हो जाता है।

3) भोजन का चुनाव

आप पूरे दिन क्या भोजन करते हैं, इसका सीधा असर आपके विचारों पर पड़ता है। इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है—“जैसा अन्न, वैसा मन।

यदि आप तामसिक और मांसाहार भोजन को छोड़कर सात्विक भोजन को जीवनशैली का हिस्सा बनाते हैं, तो आपको निश्चित रूप से बहुत लाभ मिलेंगे।

मन और तन दोनों को सही रखने के लिए भोजन का चुनाव बदलना जरूरी है, इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें।

ध्यान रखें कि रात का भोजन जल्दी कर लेना चाहिए। लगभग 8 बजे से पहले भोजन कर लेने से digestion बेहतर होता है और पाचन से जुड़ी समस्याएँ नहीं बनतीं।

4) Screen Time कम करें

अगर आपका दिन ज्यादातर मोबाइल, लैपटॉप जैसे गैजेट्स के साथ गुजरता है, तो मानसिक तनाव बढ़ना स्वाभाविक है—और आज की पीढ़ी में यह लगातार बढ़ रहा है।

जितना ज़्यादा screen time होगा, उतना ही mind में chemical imbalance होगा, और धीरे-धीरे लोग बिना किसी कारण के उदासी महसूस करने लगते हैं।

अगर आप anxiety, depression, insomnia जैसी समस्याओं से गुजर रहे हैं, तो 1–2 सप्ताह मोबाइल से दूर रहकर देखें—आपको निश्चित रूप से आराम मिलेगा।

मोबाइल पर लगातार busy रहने के कारण लोग एक-दूसरे से मिलना-जुलना भी कम कर चुके हैं। बच्चों का बाहर खेलना या physical activity करना लगभग बंद हो गया है। ऐसे में मानसिक समस्याएँ बढ़ना सामान्य है। इसलिए इन चीज़ों को गंभीरता से लें।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, आप अभी क्या कर रहे हैं उस पर ध्यान देना शुरू करें। धीरे-धीरे आपको पता चलने लगेगा कि कौन-सी चीजें आपके लिए हानिकारक हैं और किन आदतों को अपनाने से आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।

मुझे उम्मीद है कि आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा और इसमें बताई गई बातों को आप अपने जीवन में अपनाएँगे।

Stay Healthy, Stay Safe.

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