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ब्रह्मचर्य में योग का महत्व | ब्रह्मचर्य के लिए योग | Importance of Yoga in Brahmacharya

नमस्कार मेरी आध्यात्मिक मित्रों 🙏, आज के इस आर्टिकल में हमने ब्रह्मचर्य में योग से होने वाले सभी लाभों से अवगत कराया है। इसी के साथ हमने ब्रह्मचर्य में योग का महत्व भी पूरी गहनता से समझाया है। यह आर्टिकल आपको ब्रह्मचर्य को अखंड बनाने के लिए, किए जाने वाले योग से भी अवगत कराएगा। 

योग एक ऐसी साधना है जिसके माध्यम से व्यक्ति उस परम शक्ति को अपने मानव शरीर में पहचान पाता है। योग का मतलब सिर्फ कसरत तक सीमित नहीं है ये तो आत्म से परमात्मा तक का सफर है और जब आत्मा और परमात्मा का मेल होता है तब जीवन का सही अर्थ प्रकट होता है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको ब्रह्मचर्य में योग करना क्यों महत्वपूर्ण है इसकी गहनता से चर्चा करेंगे। नए ब्रह्मचारियों के मन में अक्सर ये सवाल उठता है कि क्या योग करना इतना महत्वपूर्ण है। 

जी हाँ बहुत महत्वपूर्ण है बल्कि योग के बिना तो ब्रह्मचर्य अधूरा है। 

ब्रह्मचर्य में योग के महत्व

तो चलिए कुछ मुख्य कारणों की और बढ़ते है जिनकी वजह से योग हमारे जीवन में इतना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लास्ट वाला कारण एक ब्रह्मचारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

1) नकारात्मक विचारों से मुक्ति

सबसे पहला कारण व्यक्ति नकारात्मक विचारों से मुक्त होता है। ये वैज्ञानिक तौर पर भी प्रमाणित है कि जब कोई भी व्यक्ति सुबह जल्दी उठकर योग करता है तो उसके शरीर में अच्छे केमिकल और गुड़ हार्मोंस रिलीज होते है और वो पूरे दिन एनर्जेटिक रहता है और खुश रहता है।

2) स्वस्थ शरीर

दूसरा कारण जिसमें योग करने से आपका शरीर स्वस्थ रहता है और अगर पहले से आपके शरीर में कोई भी मानसिक या सहारिक व्याधि है तो वो भी समाप्त हो जाती है। किसी भी गुप्त रोग को भी योग के माध्यम से उसे समाप्त किया जा सकता है।

3) शारीर का औरा या आकर्षण

तीसरा कारण जिसमें अगर आप अपने शरीर को आकर्षक बनाना चाहते है तो योग आपकी बहुत मदद करेगा। जैसे कि सर्वांगासन और शीर्षासन से बाल घने होते है, मंडूकासन से पेट की विभिन्न समस्याओं से छुटकारा मिलता है, और इसके अलावा योग करने से आपका चेहरा चमकता है एक अलग ही तेज दिखाई देता है, और आपकी स्किन हेल्दी और जवान होती है।

4) वीर्य को रक्षा

चौथा कारण जो सबसे महत्वपूर्ण है एक ब्रह्मचारी के लिए वो है वीर्य को रक्षा। जब तक एक ब्रह्मचारी कठोर योग के साथ अपने वीर्य को रूपांतरित नहीं करेगा तब तक उसे स्वप्नदोष, वीर्यपात, और अश्लील खयाल आने जैसी समस्याएं होती रहेगी।

ब्रह्मचर्य में योग एक शक्तिशाली साधन है जो शरीर, मन और प्राण को संतुलित करता है।

ब्रह्मचर्य को अखण्ड बनाए के लिए इसे कई सारे योग होते है जैसे कि सर्वांगासन, आंतरिक कुंभक आसन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन, पश्चिमोत्तासन, शीर्षासन, आदि।

1. सर्वांगासन (Sarvangasana)

सर्वांगासन को 'शरीर का राजा' भी कहा जाता है क्योंकि यह सम्पूर्ण शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इस आसन से थायरॉइड ग्रंथि सक्रिय होती है, जिससे हार्मोनल संतुलन बना रहता है। यह ब्रह्मचर्य के पालन में मानसिक संयम को दृढ़ करने में मदद करता है।

2. आंतरिक कुम्भक आसन (Antar Kumbhak)

यह प्राणायाम में किया जाने वाला अभ्यास है जिसमें श्वास को भीतर रोक कर रखा जाता है। इससे जीवन शक्ति (प्राण) का संरक्षण होता है और काम-इच्छा पर नियंत्रण मजबूत होता है। ब्रह्मचर्य का पालन करने वालों के लिए यह अत्यंत उपयोगी साधना है।

3. सिद्धासन (Siddhasana)

सिद्धासन ध्यान और ब्रह्मचर्य साधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। यह शरीर में ऊर्जा को ऊपर की ओर प्रवाहित करता है, जिससे काम-इंद्रियों की शक्ति शांत होती है और चेतना जाग्रत होती है।

4. पद्मासन (Padmasana)

पद्मासन ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाने वाला श्रेष्ठ आसन है। यह मस्तिष्क को शांति देता है और ब्रह्मचर्य के लिए आवश्यक मानसिक स्थिरता और नियंत्रण को उत्पन्न करता है।

5. वज्रासन (Vajrasana)

वज्रासन भोजन के बाद किए जाने वाला एकमात्र आसन है जो पाचन शक्ति को मजबूत करता है। साथ ही यह नाभिचक्र और मूलाधार चक्र को सक्रिय कर ब्रह्मचर्य में सहायक ऊर्जा नियंत्रण को सुदृढ़ करता है।

6. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

यह आसन मेरुदंड, नाड़ी संस्थान और पाचन प्रणाली को स्वस्थ बनाता है। इससे मन में शांति आती है, जिससे इच्छाओं पर नियंत्रण करने में सहायता मिलती है। यह ब्रह्मचर्य साधना को स्थिर करने में मदद करता है।

7. शीर्षासन (Sirsasana)

शीर्षासन को 'आसनों का राजा' कहा जाता है। यह मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ाता है जिससे मानसिक स्थिरता आती है और ब्रह्मचर्य में आने वाली मानसिक उत्तेजनाएं कम होती हैं। यह प्रजनन तंत्र को संतुलित रखता है।

हम अपनी आने वाली योग संबंधित यूट्यूब वीडियोस में इन सारे योग को एक एक करके विस्तार से समझाएंगे। और यूट्यूब लाइव के माध्यम से भी योग का अभ्यास कराएंगे लेकिन इसके लिए कुछ और आध्यात्मिक मित्रों (कुल 1000) का चैनल जुड़ना अनिवार्य है।

आज के लिए बस इतना ही, मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल से आपको अच्छी जानकारी हासिल हुई होगी। आज के लिए बस इतना ही मिलते है अगले आर्टिकल में।

इस आर्टिकल संबंधित हमारा यूट्यूब वीडियो:

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आप सभी योग साधकों , ध्यान साधको, और आध्यात्मिक प्रेमियो को  ॐ।

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