आप सभी को ॐ। मैं धीरज पाटीदार आप सभी का स्वागत करता हूं आज की इस आध्यात्मिक आर्टिकल में
आज का ये आर्टिकल उन सभी मित्रो के लिए जरूरी है जो कब्ज, एसिडिटी, दस्त, आदि जैसी समस्याओं से गुजर रहे है। आज हम IBS यानी कि Irritable Bowel Syndrome के बारे में संपूर्ण दिनचर्या साझा करेंगे। लगभग पेट की हर समस्या IBS में सम्मिलित होती है।
तो चलिए शुरू करते है आज का ये आर्टिकल।
सबसे पहले हम समझते है कि IBS होती क्या है और कैसे होती है, इसके होने के क्या क्या संभावित कारण है?
IBS जिसे हम चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम कहते है। इस बीमारी में आंतो में सूजन, कब्ज, एसिडिटी, दस्त, कभी कभी पाइल्स जैसी समस्याएं लंबे समय तक देखने को मिलती है। ये दो प्रकार के होते है पहला IBS C जिसे हम IBS Constipation कहते है जो कब्ज के लक्षण पैदा करता है। और दूसरा IBS D जिसमें व्यक्ति को हमेशा दस्त की समस्या रहती है। दोनों ही तरह के IBS बहुत घातक होते है।
अगर में अपनी बात करूं तो मुझे IBS Consitpation था, जिसमें बाद में चलकर पाइल्स की समस्या भी शामिल हो गई थी। मैं लगभग 3 सालों तक इस बीमारी से लड़ा और फिर मुझे इसका सही इलाज मिला, जिसमें इलाज से भी ज्यादा परहेज और खाने पीने के नियम है।
आप मेरी IBS से अध्यात्म और ब्रह्मचर्य तक के सफर की कहानी देख सकते है वीडियो की लिंक इस आर्टिकल में मिल जाएगी। लेकिन पहले इस आर्टिकल को पूरा पढ़े। क्यों कि आर्टिकल के अंत में मैने आपको सारे परहेज बताए है जिसमें आपको क्या क्या नहीं खाना है, और क्या क्या नहीं करना है सब कुछ डिटेल में बताया है।
IBS से ब्रह्मचर्य तक का सफर | मेरी IBS Success Story: https://youtu.be/H_LQIQpU7Hg
IBS की संपूर्ण दिनचर्या
अब हम बात करते है IBS की संपूर्ण दिनचर्या की।
मैं जो रूटीन आपको बताने जा रहा हु, अगर आप इसे फॉलो करते है तो आपकी समस्या काफी हद तक सही हो सकती है। अगर आप साथ ही आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट लेते हो तो आपको और ज्यादा, और जल्दी फायदा देखने को मिलेगा।
- दिनचर्या में सबसे पहले आपको रोज जल्दी 5 बजे से पहले उतना है और फ्रेश होकर योग करना है।
- अगर आपको IBS C है तो आपको हल्के योग करने है क्यों कि इसमें अक्सर पेट खाली न होने की समस्या रहती है। इसमें आपको मलासन, मंडूकासन, सेतुबद्ध, सूक्त वज्रासन, पवनमुक्तासन सर्वांगासन, तितली आसन, अर्ध मिश्चेंद्र आसान, और सूर्य नमस्कार करना है। समय अवधि आप अपनी क्षमता अनुसार रखे।
- अगर हम IBS D की बात करे तो इसमें आपको सेतुबद्ध आसान, सूक्त वज्रासन, पवनमुक्तासन, और सूर्य मनमाकर करना है। याद रहे IBS d में भूलकर भी आपको मलासन नहीं करना है।
- अगर आपने कोई भी कठोर योग करने की क्षमता है तो आप भुजंगासन, और चक्रासन कर सकते है। अगर आपको एसिडिटी रहती है तो आपको ऐसे सारे आसनों से बचना है, जिनमें रक्त का प्रवाह सिर की तरफ आता हो, जैसे को सर्वांगासन, शीर्षासन, आदि।
- ये तो बात हुई योग की। योग के बाद आपको भ्रामरी और प्राणायाम करना है जिसमें आप अनुलोम विलोम कर सकते है। ॐ का उच्चारण आपको मानसिक शांति प्रदान करेगा आप इसे भी ट्राई करे
- अब बात आती है लगभग 7 बजे तक योग ध्यान करने के बाद की तो आपको नहाकर अपना अल्पाहार लेना है जिसमें आपको अंकुरित चना, मांग या फिर ड्राई फ्रूट ले सकते है। इन सभी को आप रात को सोने से पहले भिगो दे। आप चाहे तो एक केला भी ले सकते है, लेकिन किसी किसी को ये दिक्कत देता है, तो आप इसे एक दो दिन आजमाकर देख सकते है।
- अब हम बात करते है सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच के मुख्य भोजन की, जिसमें आपको हमेशा खाने के साथ सलाद लेना है, और भोजन के आधा घंटा बाद एक ग्लास छाछ लेना है। आपको भोजन में pure गेहूं की रोटी नहीं लेना है, आप जौ, ज्वार, और गेहूं के मिक्स आटे की रोटी लीजिए।
- आपको लगभग 1 महीने तक मिर्च का सेवन नहीं करना है, उसके बाद आप हरि मिर्च से अपना धीरे धीरे आरम्भ कर सकते है। सुबह की सब्जी में आपको मूंग की दाल का सेवन करना है। याद रहे मिर्च का इस्तेमाल नहीं करना है।
- अब हम बात करते है दोपहर के भोजन जिसमे आपको अगर भूख लगे तों हल्का दलिया या फिर कोई एक फ्रूट जैसे कि अमरूद, या फिर सबसे अच्छा आप बेल फल का सेवन करे। सीजनल फ्रूट का ही सेवन करे, लेकिन याद रहे खट्टे फलों से बचना है कैसे की आम, सेब, संतरा, आंवला, आदि।
- रात के खाने में आपको लौकी की सब्जी बिना मिर्च की और मिक्स आटे की रोटी लेना है। शाम के समय सलाद और छाछ का सेवन ना करे। शाम का भोजन हमेशा कम खाना चाहिए।
- कोशिश करे कि रात को 9 बजे से पहले सोना है। ताकि आप आराम से बिना किसी अधूरी नींद के सुबह 5 बजे उठ पाओ।
- रात को सोने से पहले आप भ्रामरी या ध्यान जरूर करे, इससे आपके विचार शांत होंगे और गहरी नींद आएगी। बॉडी की रिकवरी के लिए गहरी नींद जरूरी होती है।
IBS में परहेज
- अगर हम परहेज की बात करे तो आपको लगभग 1 महीने तक मिर्च का सेवन नहीं करना है, खट्टी और मीठी चीजों का सेवन नहीं करना है। अगर मीठा खाने का मन करे तो आप कोई फ्रूट ले सकते है। आपको IBS में सेब नहीं लेना है ये अक्सर कई लोगों में पेट के भारीपन का कारण बनता है।
- आपको दूध, घी, दही, पनीर, मिठाई या किसी भी प्रकार के दूध से बने प्रोडक्ट से बचना है। सिर्फ आप छाछ का सेवन कर सकते है, लेकिन अगर आपको एसिडिटी की समस्या है तो छाछ भी नहीं लेना है।
- किसी भी प्रकार के फास्ट फूड, या जंक फूड से बचना है। फ्राइड चीजों को भी बंद रखें।
- आपको कोई भी हैवी लिफ्टिंग या exercise नहीं करना है, क्यों कि इससे आपकी आठों में सूजन बढ़ सकतीं है।
- आप रात को सोने से पहले Castor Oil की 2 - 4 बूंदे अपनी नाभि पर जरूर डाले। इससे आंतो में हो रही सूजन शांत होती है और पेट मुलायम बनता है।
ये था एक छोटा सा ओवरव्यू जिसका आपको पालन करना है लगभग 6 महीने तक।
किसी को और कोई प्रश्न हो तो कमेंट में जरूर बताए। आज के लिए बस इतना ही मिलते है अगले आर्टिकल में...
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आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे जीवन की कामनाएं।
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