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Help girls in periods time | What happen with girls during periods time | By Dheeraj Patidar

आप सभी को ॐ🙏, मैं धीरज पाटीदार आप सभी का स्वागत करता हूँ आज के इस आर्टिकल में।

आज का यह आर्टिकल  हर एक लड़के के लिए बेहद जरूरी है। अगर कोई लड़की भी देख रही है तो वह भी इसे जरूर सुने क्योंकि यह विषय हर इंसान से जुड़ा हुआ है।

मुझे पता है कि यह एक ब्रह्मचर्य और आध्यात्मिक वेबसाइट है,
लेकिन आज जो बातें मैं आपके साथ साझा करने जा रहा हूँ, वो भी अध्यात्म से ही जुड़ी हैं। क्योंकि इंसानियत भी आध्यात्म का ही हिस्सा है। इसलिए कृपया इस आर्टिकल को पूरा ज़रूर देखें।

मैंने अपने आसपास कई बार देखा है कि पीरियड्स (Periods) को एक शर्मिंदगी की तरह देखा जाता है। इस पर खुलकर बात नहीं की जाती। लड़कियाँ अक्सर इसे लोगों से छुपाती हैं और कई बार ऐसी दवाइयाँ भी लेती हैं जिससे ये चक्र कुछ दिनों के लिए रुक जाए – जो कि बायोलॉजिकली सही नहीं है।

हमें ये समझना होगा कि यह क्यों होता है और हम, पुरुषों की क्या जिम्मेदारी है इसमें? 

Menstrual cycle यानी मासिक धर्म, एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं और लड़कियों का शरीर हर महीने बच्चे के जन्म के लिए खुद को तैयार करता है। यदि गर्भधारण नहीं होता, तो जो यूटेरस की लाइनिंग बनती है, वह रक्त के रूप में बाहर निकलती है।

इस दौरान महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह की समस्याओं का सामना करती हैं। यह समय मासिक धर्म (periods) का होता है, जिसमें हार्मोनल बदलाव बहुत तेज़ी से होते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

1. पेट दर्द (Abdominal Pain/ Cramps):

मासिक धर्म के दौरान गर्भाशय की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं जिससे रक्त और टिशू बाहर निकलते हैं। इस प्रक्रिया के कारण पेट के निचले हिस्से में तेज़ या मरोड़ वाले दर्द हो सकते हैं। कभी-कभी यह दर्द इतना ज़्यादा होता है कि दैनिक कामकाज करना भी मुश्किल हो जाता है।

2. कमर दर्द (Back Pain):

गर्भाशय की ऐंठन और हार्मोनल बदलावों के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द आम होता है। यह दर्द कई महिलाओं में मासिक धर्म शुरू होने से पहले ही शुरू हो सकता है और कुछ दिनों तक बना रहता है।

3. सिरदर्द (Headache):

एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन्स के स्तर में गिरावट के कारण कुछ महिलाओं को सिरदर्द या माइग्रेन हो सकता है। यह खासकर तब होता है जब शरीर हार्मोनल असंतुलन को झेल रहा होता है।

4. कमज़ोरी (Weakness):

रक्तस्राव के कारण शरीर में आयरन की कमी हो सकती है जिससे थकान और कमज़ोरी महसूस होती है। यह तब और बढ़ जाती है जब नींद पूरी न हो या पोषण की कमी हो।

5. मूड स्विंग्स (Mood Swings):

मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं के मूड में अचानक बदलाव आ सकते हैं। कभी खुशी, तो कभी उदासी या गुस्सा — यह सब बिना किसी स्पष्ट कारण के हो सकता है।

6. चिड़चिड़ापन (Irritability):

थकान, दर्द और मूड स्विंग्स के कारण महिलाएं बहुत जल्दी चिड़चिड़ा महसूस कर सकती हैं। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना या परेशान होना सामान्य बात है।

लेकिन समाज इसे अब भी एक "कलंक" मानता है। महिलाओं को इस दौरान मंदिरों में जाने से रोका जाता है, उन्हें अपवित्र माना जाता है, और कई बार तो उन्हें परिवार के कामों से भी दूर रखा जाता है — जो कि बिल्कुल गलत सोच है।

स्कूल, कॉलेज या पब्लिक प्लेसेज़ में कई बार लड़कियों को अचानक यह समस्या हो जाती है। वह डर जाती हैं, असहज महसूस करती हैं, और उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। लेकिन सोचिए, इसमें शर्म की क्या बात है? क्या किसी बायोलॉजिकल प्रक्रिया को छिपाना ज़रूरी है?

ईश्वर ने जिस शरीर को बनाया है, उसके हर हिस्से और हर प्रक्रिया का अपना महत्व है। तो फिर पीरियड्स को क्यों एक अभिशाप की तरह देखा जाता है?

हमें, खासकर पुरुषों को, इसे समझना होगा। "असली मर्द" वही होता है जो महिलाओं की भावनाओं को समझे, उनकी ज़रूरतों का सम्मान करे और उनकी मदद के लिए तैयार रहे। लड़कियों की परेशानी पर हँसना या उनका मज़ाक उड़ाना मर्दानगी नहीं, बल्कि कमजोरी और अज्ञानता है।

मैं लड़कियों से भी यह कहना चाहूँगा कि अगर आपको कभी भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़े, तो आप न झिझकें, न डरे — किसी भरोसेमंद व्यक्ति से मदद माँगें। क्योंकि इस दौरान लो ब्लड प्रेशर, चक्कर आना, ब्लड लॉस, थकान जैसी कई समस्याएँ हो सकती हैं जो आगे चलकर बड़ी मेडिकल इमरजेंसी बन सकती हैं।

मैंने खुद एक बार कॉलेज में एक लड़की की मदद की थी। उस समय वहाँ कोई और नहीं था। पहले वह घबरा गई, लेकिन जब मैंने विनम्रता से पूछा कि क्या मैं कुछ मदद कर सकता हूँ, तो उसने पैड लाने को कहा — और मैंने ला दिया। उसने जो धन्यवाद कहा था, वो आज भी मेरे दिल में है। और ऐसी ही छोटी-छोटी इंसानियत भरी यादों से हम सबको अपने जीवन को सजाना चाहिए।

अंत में मैं यही कहूँगा – आप जीवन में कुछ हासिल करें या न करें, लेकिन एक अच्छा इंसान जरूर बनें। ईश्वर हमारी पूजा नहीं, हमारे कर्मों को देखता है। और इंसानियत, हर आध्यात्मिक साधना का मूल है।

इस आर्टिकल संबंधित हमारा यूट्यूब वीडियो:



आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूँ।

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आप सभी योग साधकों, ध्यान साधकों और आध्यात्मिक प्रेमियों को ॐ🙏❤️।

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