आज का यह आर्टिकल सस्ते और सच्चे प्रेम में अंतर अंतर स्पष्ट करेगा। अगर आप गहराई से समझना चाहते ही कि प्रेम क्या होता है तो इसे पूरा जरूर पढ़ना। हमने यह आर्टिकल सामाजिक जागरूकता के संदर्भ में लिखा है। इसीलिएबीसे अन्यथा ना ले।
कृष्ण की सुंदरता और गीता की कटुता
आप यकीन ना मानोगे लोग कृष्ण से प्रेम करते हैं लेकिन भगवत गीता से कभी प्रेम नहीं करते हैं क्योंकि कृष्ण दिखने में बहुत सुंदर हैं लेकिन उनके वाक्य बहुत कटु हैं बहुत ही कड़वे हैं। वो सत्य बोलते हैं और गीता लोगों को पसंद इसीलिए नहीं है क्योंकि वो उनका दर्पण दिखाती है और लोगों को अक्सर वो चीजें पसंद नहीं आती है जो उनकी असलियत उनको दिखाएं।
आप जब भी भगवत गीता पढ़ोगे तो आपको लगेगा कि मैंने जीवन में ऐसा कुछ भी प्रोडक्टिव नहीं किया है। ऐसा कुछ भी प्रेम नहीं किया है जो मुझे बेहतर कर सके। मैंने हमेशा आलस को पूजा है।
मैंने हमेशा सुंदरता को प्रायोरिटी दी है। मैंने गुणों को कभी नहीं पूजा। मैंने कभी भी अपने डिसिप्लिन को कभी प्रेम नहीं किया और यही आगे चलकर मुझे खड्डे में डाल रही है।
समाज के 99% और कंफर्ट ज़ोन का जाल
समाज के 99% लोग अपने कंफर्ट ज़ोन में ही जी रहे हैं और सिर्फ 1% लोग जो अपने कंफर्ट ज़ोन को तोड़कर बाहर निकले हैं। वही दुनिया पर राज कर रहे हैं। उदाहरण के लिए मैं आपको बताता हूं कि आपने बचपन में किसी न किसी चीज से प्रेम किया होगा।
मतलब कि कोई ना कोई ऐसा मतलब Aim होगा जिसको आप प्रेम करते होंगे कि मैं यह बनूंगा। है ना? और आप जब बड़े हुए तो आपका Aim ही चेंज हो गया। वो क्यों हुआ पता है? क्योंकि आपने अपने आसपास के लोगों को एनालाइज किया। देखा कि किस में ज्यादा पैसा है। देखा कि किस में ज्यादा इज्जत है। देखा कि समाज किस चीज को अडॉप्ट कर रहा है। उस हिसाब से आपने अपना गोल सेलेक्ट कर लिया।
उस हिसाब से आपने अपनी जिंदगी सेलेक्ट कर ली। तो यह क्या है? यह कंफर्ट जोन है।
समाज की इज्जत बनाम अपनी क्रिएटिविटी
अगर आप में हिम्मत होती तो आप उस समाज के कंफर्ट जोन से निकल कर चाहे पूरा समाज आपके खिलाफ हो जाए लेकिन उस कंफर्ट जोन से निकल कर आप अपनी मन की क्रिएटिविटी को निखारते और आप वही करते जो आपको पसंद है।
लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। क्यों? क्योंकि आप हमेशा समाज की इज्जत के गुलाम हो। समाज आपकी इज्जत करेगा। यह आप चाहते हो। शायद कई सारे लोगों को यह बात बुरी लगेगी। लेकिन ये सच्चाई है। मैं आपको आपका दर्पण दिखा रहा हूं।
और अगर आप उस दर्पण को देखकर अपनी आंखे खोल लेते हैं और उस दिशा में चलते हैं जो आपकी अपनी दिशा है, जो आपकी अपनी डायरेक्शन है, जो आपकी अपनी क्रिएटिविटी है, तो यकीन मानिए आप अपने जीवन में बहुत कुछ बड़ा कर सकते हैं।
कंफर्ट ज़ोन की परिभाषा
कंफर्ट जोन का मतलब होता है कि सोसाइटी ने जो नियम बनाए हैं, सोसाइटी ने जो कुछ छोटी-मोटी नौकरियों की पाबंदियां बनाई हैं या सोसाइटी ने जो छोटे-मोटे काम बनाए हैं, उन्हीं कामों को करके आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हो।
उसके अलावा आपके पास कोई विकल्प नहीं है। यही समाज के 99% लोगों का कंफर्ट ज़ोन होता है और आपने भी अपने आप को उन लोगों में शामिल कर लिया है। अगर आप टॉप 1% की गिनती में आना चाहते हो, तो आपको अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलना पड़ेगा।
उच्च प्रेम और क्रिएटिविटी का चयन
समाज के जितने भी बड़े उद्योगपति हैं या छोटे उद्योगपति हैं, उन्होंने हमेशा समाज से प्रेम नहीं किया। उन्होंने अपनी क्रिएटिविटी से प्रेम किया और वही उच्च प्रेम होता है। इसीलिए प्रेम को सिलेलेक्ट करना जानो और प्रेम की परिभाषा जानो। प्रेम को हमेशा सीखना पड़ता है। प्रेम में कभी अपने आप बहा नहीं जाता है। प्रेम कोई बहाव नहीं होता है। प्रेम सीखा जाता है।
आलस्य का प्रेम नहीं, चुनौती का प्रेम
अगर आपको किसी चीज में कंफर्ट ज़ोन हो रहा है, आपको चैलेंजेस नहीं आ रहे हैं, इसका मतलब कि वह आपका प्रेम नहीं है। वो आपको आलसी बनाने के लिए आई है वह चीज और आप उसे प्रेम मान लेते हो और जीवन में फिर धक्के खाते रहते हो।
आज कई सारे ऐसे लोग हैं जो अपनी मनमर्जी की नौकरी नहीं करते हैं। अपनी मनमर्जी का काम नहीं करते हैं और मजबूरी में उनके पास कितना भी दिमाग हो लेकिन फिर भी वह दुखी हैं। उनके दुखी होने का कारण यही है कि उन्होंने समय रहते अपने सही प्रेम को नहीं चुना।
सच्चे प्रेम की दिशा और समाज का दबाव
प्रेम सिर्फ लड़की से नहीं होता है। प्रेम अपने काम से भी होता है। अपनी जिंदगी से भी होता है। और आप दूसरों के बताए गए निर्देशों अनुसार अपनी जिंदगी को सेलेक्ट करते हैं तो यह सबसे बड़ी बेवकूफी होगी। माना कि बड़े लोगों में अपना अनुभव होता है।
उनकी बात सुननी चाहिए। लेकिन करो वही जो आपको लगे सही। इसीलिए अपने जीवन में सिर्फ अनुभव लोगों से लेते रहो और उससे एनालाइज करते रहो कि क्या गलत है और क्या सही है।
पिछली पीढ़ियों की सीख
आप अपने पेरेंट्स, अपने दादाजी, अपने चाचा, मामा सभी से पूछना कि उनकी जिंदगी में क्या ऐसी चीज है जो वो पाना चाहते थे और वो नहीं पाए और क्यों नहीं पाए? उन्होंने क्यों वो चीज खो दी।
उसका सबसे बड़ा कारण यही निकल के आएगा कि उन्होंने समाज के दबाव में रहकर समाज की इज्जत पाने के लिए अपनी वह सबसे बड़ी खुशी खो दी। चाहे वह कोई सपना हो सकता है, चाहे वह कोई व्यक्ति हो सकता है या चाहे वह कुछ भी हो सकता है।
शिद्दत और कायनात का नियम
वो एक फिल्मी डायलॉग है ना कि किसी भी चीज को अगर हम शिद्दत से चाहते हैं तो पूरी कायनात हमें उससे मिलाने में लग जाती है। यह डायलॉग 100% सत्य है।
क्योंकि जब भी आप कंफर्ट ज़ोन से निकलकर किसी भी एक ऐसी चीज को चुनोगे जो समाज में आज तक किसी ने नहीं की है तो शायद समाज आपके खिलाफ हो सकता है। लेकिन अगर उस चीज को आप शिद्दत से चाहोगे तो वह चीज आपको मिलेगी और समाज आपके लिए तालियां बजाएगा।
प्रेरणा और आत्मविश्वास का संदेश
और यही चीज आज के बड़े-बड़े उद्योगपति, बड़े-बड़े सिंगर, बड़े-बड़े क्रिएटिव लोगों ने की है और आप सिर्फ उन लोगों को आइडल समझ के अपने जीवन को फ्री कर लेते हैं क्योंकि आपका सपना उन्होंने जी लिया है। इसीलिए आप उनको आइडल समझते हो। अगर आपको वाकई में अपने जीवन में आगे बढ़ना है तो ऐसा बनो कि लोग आपको आइडल बनाएं।
सच्चे रिश्ते और सच्चा प्रेम
आप किसी भी जेंडर से हो, लड़के हो या लड़की हो, लेकिन अपने पार्टनर को पूरी तरीके से होश आवाज में चुनना। सुंदरता मायने नहीं रखती है। बल्कि उसकी बौद्धिक क्षमता, उसकी इमोशनल स्ट्रेंथ मायने रखती है। उसका ज्ञान मायने रखता है। तभी आपका रिश्ता आगे बढ़ेगा। सुंदरता लंबे समय तक नहीं टिकेगी। और यही सच्चा प्रेम होता है। सुंदरता सच्चा प्रेम नहीं होती है। यह ध्यान रखना।
समापन
मुझे उम्मीद है कि आज के इस लेख के माध्यम से आपको सस्ते प्रेम और सच्चे प्रेम में अंतर समझ में आ गया होगा। हमारी इस आध्यात्मिक यात्रा में जुड़कर अपने जीवन को सरल और सुलभ बनाने के लिए www.dheerajpatiar.com को follow करें।
आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामनाएं। आप सभी को ओम।


